प्राकृत शब्दकोष के अनुसार ’तीर्थ’ का अर्थ ’स्थान’ है। ’तीर्थ’ अर्थात जिस स्थान से तिरा जाए। तीर्थंकर ही अरिहंत तथा ’जिन’ नाम से जाने जाते हैं । जिन का अर्थ है जीतना, विजय पाना। अपने आंतरिक कषाय, क्रोध, मान, माया, लोभ पर विजय पानेवालाही जिन कहलाता है। जिन मानव की देह में भगवान होते हैं।